हमें लगता था कि भारत की छतों पर ही अतरंगी नज़ारे दिखते हैं, लेकिन रूस की बालकनियां भी किसी से कम नहीं!
भारत की छतों पर तो कूड़ा, लकड़ी या कोई अन्य सामान मिलता ही हैं जितना उल्टा सीधा समान छतों पर ही मिलेगा, अगर कोई पुराना समान हैं तो छत पर ही पड़ा मिलेगा, अधिकतर पश्चिमी देशों में ऐसा नज़ारा देखने को नहीं मिलता, पर भारत के मिडिल क्लास परिवार की ये एक पहचान है.
भारत की छतों पर तो कूड़ा, लकड़ी या कोई अन्य सामान मिलता ही हैं जितना उल्टा सीधा समान छतों पर ही मिलेगा, अगर कोई पुराना समान हैं तो छत पर ही पड़ा मिलेगा, अधिकतर पश्चिमी देशों में ऐसा नज़ारा देखने को नहीं मिलता, पर भारत के मिडिल क्लास परिवार की ये एक पहचान है.
लेकिन अगर भारत में ये नजारा रहता हैं तो बहार के देश में भी रहता हैं तो हम आपको बताते हैं की रूस भी किसी से काम नहीं यहां तार पर सूखते कच्छे तो नहीं दिखेंगे, लेकिर बालकनी में कुछ अतरंगा ज़रूर दिखेगा. अब इन तस्वीरों पर ही गौर कर लीजिए.
1. बर्तन तार पर कौन सुखाता है बे :-
2. Window Shopping :-
3. हम भी रूस में घर खरीदने की सोच रहे हैं :-
4. कुंडी न खड़काओ राजा, पीछे से अंदर आओ राजा :
5. जब आपको घर के बाहर ही पार्किंग चाहिए हो :-
6. इसे बालकनी कहें, या धोखा :-
7. चिड़िया ने कुछ ज़्यादा ही बड़ा घोंसला नहीं बना लिया :-
8. ताकी बालकनी में चोर न आ जाएं :-
9. भगवान का दिया सब कुछ है इस आदमी के पास :-
10. खुले में शौच की परेशानी, रूस में भी है :-
11. समाजवादी पार्टी, रूस में अपना प्रचार करते हुए :
12. अपने यहां की बालकनी ही अच्छी हैं :-
13. जब घोड़े को Home Sickness हो जाए :-
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