जानिए चमत्कारी और रहस्यमय मंदिर तिरुपति बालाजी की कहानी !
भारत में लाखों की संख्या में मंदिर हैं. हर मंदिर की अपनी अलग-अलग पौराणिक कथा व मान्यता है और बहुत से मंदिर अपने चमत्कार के कारण प्रसिद्ध हैं. इन चमत्कारों का रहस्य आज तक विज्ञान भी पता नहीं लगा पाया हैं. चलिए जानते हैं भारत के पांच रहस्यमय मंदिर के चमत्कारों के बारे में
तिरुपति बालाजी(Tirupati Balaji, Tirumala)
भारत के सबसे चमत्कारिक और रहस्यमय मंदिरों मे से एक है भगवान् तिरुपति बालाजी मंदिर ! भगवान् तिरुपति बालाजी के दरबार मै गरीब और अमीर दोनों सच्चे श्रद्धाभाव के साथ अपना सर झुकाते है ! ऐसा माना जाता है यह मंदिर सिर्फ भारत ही नही बल्कि पुरे विश्व के अमीर मंदिरों मे से एक है ! हर साल लाखो लोग तिरुमाला की पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए एकत्र होते है !
मान्यता है की भगवान् बालाजी अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमाला मे निवास करते है ! ऐसी मान्यता है जो भक्त सच्चे मन से भगवान् के सामने प्रार्थना करते है बालाजी उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते है ! मनोकामनाएं पूरी होने पर भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार यहाँ आकर तिरुपति मन्दिर मै अपने बाल दान करते है इस अलौकिक और चमत्कारिक मंदिर से ऐसे रहस्य जुड़े हैं ! जीने जानकार आप भी हैरान रह जाएंगे !
आइए जानते है मंदिर से जुड़े कुछ रहस्य !
कहा जाता है की मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति पर लगे बाल असली है ! ये कभी उलझते नही है और हमेशा मुलायम रहते है मान्यता है ऐसा इसलिए है की यहाँ भगवान् खुद ही विराजते है ! मंदिर मे एक और अजीब घटना होती है जिसे लेके लोग कहते है की सच मै यहाँ भगवान् रहते है ! मंदिर मे बालाजी की मूर्ति पर अगर कान लगाया जाये तो उसके अंदर से आवाज़ आती है ये आवाज़ समुंद्र की लेहरो के समान होती है ! एक बात और आश्चर्ये करती है वो यह है कि मंदिर मे बालाजी की मूर्ति हमेशा पानी से भीगी रहती है जैसे समुन्द्र के पास एक शान्ति सी महसूस होती है वैसा ही एहसास मंदिर मे होता है मंदिर मे मुख्य द्वार पर दरवाजे के बाई ओर एक छड़ी है इस छड़ी के बारे मे कहा जाता है की बाल अवस्था मै इस छड़ी से ही भगवान बालाजी की पिटाई की गई थी इस कारण उनकी ठुड्डी पर चोट लग गई थी इस कारण वर्ष तब से आजतक उनकी ठुड्डी पर शुक्रवार को चन्दन का लेप लगाया जाता है ताकि उनका घाव भर जाए !
भगवान् बालाजी के मंदिर मे एक दिया सदेव जलता है ! इस दिए में न ही कभी तेल डाला जाता है न ही कभी घी कोई नही जानता वर्षो से जल रहे इस दीपक को कब और किसने जलाया था ! जब आप बालाजी के गर्भ गृह मे जाकर देखेंगे तो पायेंगे की मूर्ति गर्भ गृह के बीच में स्थित है वही जब गर्भ गृह से बाहर आके देखेंगे तो लगेगा की मूर्ति दाई और स्थित है ! भगवान् बालाजी की प्रतिमा पर खास तरह का पचाइ कपूर लगाया जाता है ! वैज्ञानिक मत है कि इसे किसी भी पत्थर पर लगाया जाता है तो वह कुछ समय बाद ही चटक जाता है ! लेकिन भगवान् की प्रतिमा पर कोई असर नहीं होता है !
भगवान वेंकटेश्वर के हृदय पर विराजमान रहती है माँ लक्ष्मी !
भगवान् बालाजी के हृदय पर माँ लक्ष्मी विराजमान रहती है माता की मौजूदगी का पता तब चलता है जब हर गुरुवार को बालाजी का पूरा श्रृंगार उतार कर उन्हें स्नान करवाकर चन्दन का लेप लगाया जाता है.
जब चन्दन लेप हटाया जाता है हृदय पर लगे चंदन मैं देवी लक्ष्मी की छवि उभर आती है भगवान् की प्रतिमा को प्रतिदिन नीचे धोती और उपर साडी से सजाया जाता है मान्यता है कि बालाजी मैं ही माता लक्ष्मी का रूप समाहित है इस कारण ऐसा किया जाता है ! भगवान् बालाजी के मंदिर से तीस किलोमीटर दूर एक गांव है और यहाँ बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित है ! यहाँ पर लोग बड़े नियम और सैयम के साथ रहते है मान्यता है बालाजी को चढ़ाने के लिए फल फूल दही, दूध, घी सब यही से आते है इस गाँव मे महिलाए सिले हुए कपड़े धारण नही करती है वैसे तो भगवान बालाजी की प्रतिमा एक विशेष प्रकार के चिकने पत्थर से बनी है मगर यह पूरी तरीके से जीवंत लगती है यहाँ के मंदिर के वातावरण को काफी ठंडा रखा जाता है इसके बावजूद मान्यता है कि बालाजी को गर्मी लगती है उनके शरीर पर पसीने की बुँदे दिख जाती है और उनकी पीठ भी नम रहती है !
Tirumala Tirupati Devasthanams(Official Booking Portal)
यह थे तिरुपति बालाजी के कुछ रहस्य !
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