Mysterious Temples | अनोखे मंदिरों की अविश्वसनीय और रहस्यमयी कहानियाँ

Oldest temples of india के कुछ rochak tathya आपको इस लेख में पढ़ने को मिलेंगे। Hindu temple तो आपने कई देखे हो गए, लेकिन आज हम आपके लिए लेकर आए है कुछ interesting facts, जिन्हें जानकर आप भी हैरान हो जायेंगे।

Jun 8, 2021 - 12:57
Mar 28, 2024 - 22:55
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Mysterious Temples | अनोखे मंदिरों की अविश्वसनीय और रहस्यमयी कहानियाँ
image source - travlics

भारत 64 करोड़ देवी-देवताओं की भूमि है, भारत रहस्य, मिथक और चमत्कारों की भूमि है। हमारे देश में कुछ प्राचीन अनोखे मंदिर स्थित हैं। यहाँ, मंदिर रास्ते के हर चरण पर पाए जा सकते हैं, हिन्दू धर्म के कई मंदिर विदेशों में भी बने है, जिनके पीछे भी कई अविश्वसनीय रहस्य है।

भारत के इन रहस्यमय मंदिरों (Mysterious temples) में से कुछ अपने अपरंपरागत देवताओं के कारण प्रसिद्ध हैं, उन मंदिरों से जुड़ी कहानियों, किंवदंतियों और मिथकों के अविश्वसनीय तथ्यों के बारे में जानना भी जरूरी है जो हम खुली आँखों से देखते हैं।

आज के इस लेख में आप जाने गए oldest temples of india के अविश्वसनीय तथ्यों के बारे में।

1. होयसलेश्वर मंदिर: बिना नींव वाला मंदिर (Hoysaleswara temple)

Image from karnataka.com

होयसलेश्वर मंदिर कर्नाटक के हलेबिडू शहर में है। यह भारत का सबसे अद्भुत मंदिर जिसके कई रहस्य अब तक अनसुलझे हैं। होयसलेश्वर मंदिर 900 साल पुराना मंदिर है।

इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यह oldest temples of india में से एक है और इस मंदिर की नींव नहीं है, बल्कि यह 12 परतों के एक चपटे चबूतरे पर बना है। जिसमें चुने का इस्तेमाल नहीं किया गया बल्कि इंटरलॉकिंग की गई है।

इसमें मौजूद भगवान शिव की मूर्ति एक पत्थर से नकाशी करके बनाई गई है और मंदिर में मौजूद हम पर भी एक पत्थर को कटकर ही बनाए गए हैं। ऐसा कर पाना उस समय असंभव था। यही बात इस मंदिर को अलग करती है।

2. तिरुपति बालाजी: सबसे अमीर मंदिर(Tirupati Balaji)

Image from thestatesman.com

आंध्र प्रदेश के तिरुपति में बना विष्णु मंदिर 1000 साल पुराना मंदिर है। इसे 10 वीं शताब्दी में बनाया गया था, कुछ इतिहासकार इस मंदिर को इससे भी पुराना बताते हैं। यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक गंतव्य है।

यहाँ रोज़ाना करीब 1 लाख लोग दर्शन के लिए आते हैं इतने लोग रोम या मक्का में भी नही जाते इस मंदिर को भारत का सबसे अमीर मंदिर भी कहा जाता है।

यहां लगभग 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन चढ़ावा आता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है, कि यहां सभी धर्मों के लोग दर्शन के लिए आ सकते हैं। हजारों साल भगवान विष्णु का यह मंदिर आज की शान से खड़ा है।

3. अंगकोर वाट : दुनिया में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर (Angkor wat)

Image from wikipedia

विश्व के सबसे बड़े हिंदू मंदिर का नाम अंगकोर वाट है। हैरानी की बात यह है कि ये भारत में नहीं बल्कि भारत से 4800 किलोमीटर दूर कंबोडिया में है।

साथ ही यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल भी है। 402 एकड़ में फैले इस मंदिर का नाम Guinness book of world records में भी दर्ज है। इस मंदिर की दीवारों पर रामायण, महाभारत और हरिवंश पुराण की चित्रकारी की गई है।

11वीं सदी में इसे राजा सूर्यवर्मन ने बनवाया था। ये मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। अंगकोर वाट मंदिर कंबोडिया का National symbol है कंबोडिया के नोटों पर भी इस मंदिर की फोटो लगी हुई है।

4. बृहदेश्वर मंदिर: 1000 साल पुराना मदिर (Brihadeeswarar Temple)

Image from wikipedia

यह है भारत का एक हजार से ज्यादा साल पुराना बृहदेश्वर मंदिर जो तमिलनाडु के तंजावुर में है। इस मंदिर को बनाने में एक लख 30 हज़ार टन ग्रेनाइट पत्थरों का इस्तेमाल हुआ यह पत्थर एक के ऊपर एक रखें गए हैं।

इसमें किसी सीमेंट या प्लास्टर का इस्तेमाल नहीं हुआ, मंदिर के ऊपर बना ये कुम्ब्म 81000 किलो यानि 81 टन का है। जिसे रखने के लिए मंदिर से 6 किलोमीटर दूर तक का एक रैंप बनाया गया था,और हाथी, घोड़ों और मजदूरों की मदद से ऊपर रखा गया।

इसकी सबसे ख़ासबात ये है कि इस मंदिर की नींव नहीं है। बल्कि इसे सपाट जमीन पर बनाया गया है। इसके बाद भी सैकड़ों साल से ये मंदिर सीधा और शान से खड़ा है।

5. गोल्डन बुद्धा: 5500 किलो की सोने की मूर्ति (Golden Buddha)

Image from wikipedia

आपने कई बड़े मंदिर और मूर्तियां देखी होंगी लेकिन क्या आप जानते हैं। दुनिया में एक 5500 किलो की सोने की मूर्ति है। यह मूर्ति भगवान बुद्ध की है, और यह बैंकॉक के “wat traimit” मंदिर में स्थित है।

भगवान बुद्ध की इस मूर्ति को “The golden Buddha” कहा जाता है। जिसे बनाने में 90 साल से ज्यादा का समय लगा था 9/8 फीट लम्बी ये मूर्ति कब बनी कोई नही जानता, फिर भी ये करीब 500 से 1 हजार साल पुरानी है।

हालांकि ये मूर्ति बिकाऊ नहीं है। फिर भी आज के समय में इसकी कीमत का अनुमान 19 अरब रुपए के आसपास लगाया गया था।

6. एकम्बारेश्वर शिव मंदिर: 3500 साल पुराना आम का पेड़ (Ekambareswarar Temple)

Image from knowledgebulk

कांचीपुरम (kanchipuram temple) में बने प्राचीन एकम्बारेश्वर मंदिर शिव मंदिर का निर्माण सातवीं शताब्दी में पल्लव वंश के शासको द्वारा करवाया गया था। “पंच भूत स्तलम” के पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है।

एकम्बारेश्वर मंदिर सबसे पवित्र शिव मंदिरों में से एक है। यह पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है। शिव को एकम्बारेश्वर के रूप में पूजा जाता है। एकम्बारेश्वर शिव मंदिर में प्रसिद्ध आम का पेड़ जो 3500 साल से अधिक पुराना है और आज तक 4 किस्म के आमों की पैदावार देता है।

यह पवित्र आम का पेड़ है जिसकी चार शाखाएँ हैं जो चारों वेदों को समर्पित हैं। देवता आम के पेड़ से अपना नाम व्युत्पन्न करते हैं, जिसका अर्थ है अका-अमरा-नाथा, जिसका अर्थ है आम का पेड़। यह अभी भी रहस्यमय है और विज्ञान आज तक इस पेड़ के रहस्य को नही जान पाई है।

7. गवी गंगाधरेश्वर मंदिर: घी बन जाए मक्खन (Gavi Gangadhareshwara temple)

Image from Flickr

एक प्राचीन हिंदू मंदिर जो कर्नाटक के बेंगलुरु में शिवागंगे पहाड़ियों पर भगवान शिव को समर्पित है। विज्ञान के अनुसार, घी को मक्खन में बदलना संभव नहीं है।

लेकिन इस अनोखे मंदिर में, यह संभव है। जब पुजारी शिव लिंगम पर भक्तों द्वारा चढ़ाए गए घी को लगाता है, यह आश्चर्यजनक रूप से मक्खन में बदल जाता है। विज्ञान भी चकित है इस चमत्कार को देख कर।

8. स्तम्भेश्वर महादेव: जलमग्न मंदिर (Stambheshwar mahadev)

Image from Patrika

भारत में कई अनोखे मंदिर हैं, जिनमें हजारों अनसुलझे और अविश्वसनीय रहस्य हैं। स्तम्भेश्वर महादेव मंदिर भी उनमे से एक है यह मंदिर गुजरात के कावी कंबोई गांव में है। वडोदरा से 40 मील दूर मंदिर अरब सागर के मध्य कैम्बे तट पर है।

भगवान शिव के इस मंदिर की खोज लगभग 200 वर्ष पहले हुई इस मंदिर में शिवलिंग के दर्शन दिन में केवल एक बार ही होते हैं। बाकी समय यह मंदिर समुंद्र में ही डूबा रहता है।

समुंद्र तट पर दिन में दो बार ज्वार भाटा आता है। ज्वार भाटा के कारण पानी मंदिर के अंदर पहुंच जाता है। इस प्रकार पानी दिन में दो बार शिवलिंग का अभिषेक करके वापस लौट जाता है।

ऐसा हर रोज सुबह शाम को होता है ज्वार के समय शिवलिंग पूरी तरह जलमग्न हो जाता है उस समय मंदिर में जाने की किसी को भी अनुमति नहीं है।

इसलिए लोग उसी समय मंदिर में भगवान के दर्शन कर सकते है जब समुद्र में ज्वार कम हो। ऐसा केवल कुछ समय से ही नहीं बल्कि सदियों से ऐसा हो रहा है।

9. काल भैरव नाथ मंदिर: यहाँ प्रसाद में मिलती है शराब (Kaal Bhairav Temple)

Image from narendramodi.in

पवित्र शहर वाराणसी में, भगवान काल भैरव नाथ का अवतार है, जो भगवान शिव का पुनर्जन्म है। मानो या न मानो, केवल भगवान को जो प्रसाद यहां दिया जाता है वह शराब है, चाहे वह व्हिस्की हो या शराब।

शराब सीधे देवता के खुले मुंह में डाली जाती है, और प्रसाद के रूप में भक्तों को दी जाती है। वाराणसी में मंदिरों के बाहर अन्य दुकानों पर लगे स्टॉल केवल शराब बेचने के ही हैं।

10. वेदागिरीश्वरर मंदिर: दो पवित्र ईगल (Vedagiriswarar temple)

Vedagiriswarar temple

वेदागिरीश्वरर मंदिर एक हिंदू मंदिर है वेदागिरीश्वरर मंदिर को काजुगु कोइल (ईगल मंदिर) के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।

इस मंदिर का मुख्य आकर्षण मंदिर के ऊपर दो पवित्र ईगल हैं। इस मंदिर नाम पवित्र ईगल्स के नाम पर रखा गया है, सबसे आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि ये दोनों चील शाकाहारी हैं। आज भी ये दोनों चील हर दिन मंदिर जाते हैं, और मंदिर में चढ़ाए गए मीठे चावल को ग्रहण करते हैं।

कई किस्से बताए जाते हैं, इन दो चील के बारे में कहा जाता है कि दो ऋषि थे पूषा और विधा जिनको भगवान शिव ने ईगल बनने का शाप दिया था, कुछ लोगों का ऐसा माना है कि ये दो चील हैं शिव को पूजने के लिए और उनके श्राप से मुक्ति पाने के लिए प्रतिदिन इस मंदिर आते जाते हैं।

यह अंत नहीं है; क्योंकि देश भर में कई अनोखे मंदिर हैं, जिनमें हजारों अनसुलझे और अविश्वसनीय रहस्य हैं। रक्तस्राव की तरह देवी कामाख्या देवी मंदिर (Kamakhya Temple) जहां देवी दिनों के लिए बहती हैं। कर्णी माता मंदिर, भारत का सबसे पुराना सूर्य मंदिर, तमिलनाडु के कुंभकोणम के पास गरुड़ मंदिर में पत्थर की मूर्ति, जहां भगवान की मूर्ति अपना वजन बढ़ाती है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी संस्कृति और इसके पीछे की किंवदंतियों का पूरा ज्ञान होना चाहिए।

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