रविंद्र कौशिक एक ऐसे भारतीय जासूस जो पाकिस्तान आर्मी में मेजर तक बन गए थे जानते हैं इनकी कहानी
कहानी एक ऐसे भारतीय जासूस की, जिसे पाकिस्तान के एक आर्मी अफसर की बेटी से हुआ प्यार। फिर हुई शादी
एक फ़िल्म आई थी। जिसका नाम ‘राजी’ था। यह फ़िल्म जासूसी विषय पर आधारित थी। जिसमें आलिया भट्ट् ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बता दें कि फिल्म देखने के बाद ही लोगों को पता चला था कि एक जासूस की जिंदगी कितनी खतरनाक होती है। लेकिन बावजूद इसके देश के कई जवान ऐसे हैं जिन्होंने अपनी जान की परवाह ना करते हुए इस काम को बखूबी किया है। जी हां आज हम आपको एक ऐसे भारतीय जासूस की कहानी बताने जा रहे हैं। जिनका नाम है रविंद्र कौशिक, यहां तक कि उन्होंने अपनी पहचान को इस कदर छुपा लिया था कि वो पाकिस्तान आर्मी में मेजर तक बन गए थे। आइए जानते हैं इन्हीं से जुड़ी कहानी.
बता दें कि रविंद्र का जन्म राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुआ था। वो 11 अप्रैल 1952 को पैदा हुए थे। उन्हें थिएटर करने का बड़ा शौक था। वहीं एक थिएटर में उनकी कलाकारी देखकर रॉ ने उन्हें स्पॉट कर लिया था और रविंद्र ने साल 1975 में ग्रेजुएशन कंप्लीट किया। सिर्फ 23 साल की उम्र में उन्होंने रॉ ज्वाइन कर ली थी। जिसके बाद उनका नया नाम ‘नबी अहमद शाकिर’ था। गौरतलब हो कि उनके सारे रिकॉर्डस डिलीट कर उन्हें पाकस्तिान खुफिया मिशन के लिए भेज दिया गया था।
जिसके बाद उन्हें रॉ की ओर से अंडरकवर एजेंट के लिए पूरी तरह से तैयार किया गया। मिशन पर पाकिस्तान रवाना होने से पहले उन्हें दो वर्षों की ट्रेनिंग दी गई। उन्हें उर्दू सिखाई गई और मुस्लिम धर्म से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में भी बताया गया। इतना ही नहीं, इसके बाद उन्होंने वहां जाकर कराची विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। यहीं से उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने पाकिस्तानी सेना ज्वाइन की।
वहीं इसी बीच पाकिस्तान के एक आर्मी अफसर की बेटी से उन्हें मोहब्बत हो गई। उनका नाम ‘अमानत’ था। पहले वो दोनों दोस्त थे। बाद में दोनों की शादी हो गई। यहां तक कि उन्होंने अमानत को भी कभी इस बारे में पता नहीं लगने दिया कि वो रॉ में काम करते हैं। दोनों ने अपने बेटे का नाम आरीब अहमद खान रखा।
द ब्लैक टाइगर था उनका नाम.
बता दें कि साल 1979 से 1983 के बीच उन्होंने कई अहम जानकारियों को भारतीय सेना तक पहुंचाई। उनकी बहादुरी के कारण ही उनका नाम टाइगर भी पड़ गया था। सभी उन्हें ‘द ब्लैक टाइगर’ के नाम से भी जानते थे। फिर सितंबर 1983 में भारत ने एक लो लेवल जासूस इनायत मसीह को रविंदर कौशिक से कॉन्टेक्ट करने को कहा। पाक सेना ने उन्हें पकड़ लिया। फिर उसने सारा सच बता दिया। इसके बाद कौशिक भी पकड़े गए।
टाइगर को सुनाई गई मौत की सजा.
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि साल 1985 में पाक की अदालत ने कौशिक को मौत की सजा सुनाई थी। बाद में हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा को उम्रकैद में बदल दिया। वो पाक की सियालकोट स्थित कोट लखपत और मियांवाली जेलों में करीब 16 वर्षों तक बंद रहे। जेल में रहने की वजह से उन्हें टीबी, अस्थमा और दिल की बीमारियां हो गईं थीं। नवबंर 2001 में वो दुनिया को अलविदा कह गए। मौत के बाद उन्हें मुल्तान की सेंट्रल जेल में दफना दिया गया था।
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